अन्तरा शब्द शक्ति और मेरे अनुभव
अंतरा-शब्दशक्ति और प्रीति समकित सुराना जी से मैं बहुत दिनों से जुडी हूँ ।
फेसबुक लोकजंग अखबार व्ह्हाट्स-अप ग्रुप सभी से जुड़ी हूँ ।
एक अत्यंत सहज-सरल और प्रतिभा-संपन्न कवियत्री से जुड़कर साहित्य रचना करना मेरे लिए गर्व की बात है।
अंतरा-शब्द-शक्ति के साथ बिताए हुए अनुभव को शब्दों में बयान नहीं कर सकती।
आज अंतरा-शब्द शक्ति किसी के पहचान की मोहताज नहीं।
प्रीती जी और अर्पण जी के संचालन काफी उन्नति की ओर अग्रसर है।
कम समय में कई रचनाकारों के किताबो का लोकार्पण, कई साझा संग्रह और छोटी पुस्तिकाओं का छपना ।
आज जहाँ साहित्य को लोगो ने ठगने का धंधा बना लिया है, वही प्रीती जी के मार्गदर्शन में कम
लागत में अच्छी किताबे छप रही है ।
कई रचनाकार ग्रुप में सीख कर अच्छे कवि बन गए है। हर विधा पर रचनाएँ लिखवाई जाती है।हर राज्य के रचनाकार इस ग्रुप से जुड़े है।
दिल्ली और कई जगहों पर रचनाकारों को आपने सम्मानित किया है। कई प्रकार की सम्मान योजनाएं आपने चलायी है। हिंदी-साहित्य को समर्पित ये संस्था हर मायने में “एक मील का पत्थर है”।
लोकजंग और फेसबुक पर मेरी कविताओं को भी स्थान मिला है। बिना किसी स्वार्थ के आपने सभी को अंतरा-शब्द शक्ति में समान स्थान दिया है। मैं सदा यही चाहूँगी ये संस्था हमेशा उन्नति करती रहे। साहित्य के प्रति समर्पित आपकी भूमिका को मैं नमन करती हूँ ।
अनीता मिश्रा “सिद्धि”
स्वतंत्र लेखन
हजारी बाग झारखण्ड