अंतरा शब्द शक्ति और हमारा अनुभव
“अंतरा शब्द शक्ति” एक प्रकाशन नहीं बल्कि एक आंदोलन है हिंदी भाषियों के लिए, जिसने नारी शक्ति के विचारों को प्रकट करने के लिए एक ऐसा मंच उपलब्ध कराया, जो देश की इस सृजन शक्ति को विभिन्न विषयों पर अपनी भावनाओं को प्रकट करने एवं अपनी पहचान बनाने का अवसर प्रदान करता है।
बिभिन्न सामाजिक एवं पारिवारिक दायित्वों के साथ साहित्य रचना एक ऐसा दुष्कर कार्य है, जिसके लिए महिलाओं के पास समय का सदा अभाव होता है व उन्हें परिवार व समाज से कभी कोई प्रेरणा व प्रोत्साहन प्राप्त नहीं होता। इस स्थिति में ऐसी संघर्ष शील व महत्वाकांक्षी महिलाओं के लिए तो “अंतरा शब्द शक्ति” एक वरदान साबित हुआ है एवं अपनी साहित्य सृजन शक्ति को नए आयाम देने का अतुलनीय कार्य इस पटल के माध्यम से ही उपलब्ध हो पाया है ।
इस मंच के सृजन का सम्पूर्ण श्रेय डॉ. प्रीति सुराना जी को जाता है जिन्होंने इसके माध्यम से इस साहित्य गंगा को अवतरित किया। हम सब की यही कामना है ईश्वर से कि उनका यह प्रयास निरंतर एक वृहद वट वृक्ष के रूप में विस्तारित हो । इन्हीं शुभकामनाओं के साथ
धन्यवाद🙏
अरविंद ताम्रकार “सपना”