“मेरी नजर से अंतरा शब्दशक्ति”
संवेदनशील मन हमेशा अपने आस -पास की घटनाओं से प्रेरित होकर कुछ न कुछ रचता रहता है।अंतर्मन मेंं उठने वाहले इन्हीं शब्दों को शक्ति देता है…अंतरा शब्दशक्ति का मंच।मैं जब अंतरा शब्दशक्ति से जुड़ी, मेरी कल्पनाओं को मानो पंख मिल गए।दिल मेंं उमड़ने वाली हर तरह की भावनाएँ शब्दों मेंं ढलकर कविताओं और कहानियों के रूप मेंं अंतरा परिवार के सामने आने लगीं।अंतरा ने सभी रचनाओं को एकत्र किया तथा पुस्तकबद्ध करके दुनिया के सामने रख दिया।बस, फिर क्या था…मैं इस मंच के द्वारा न जाने कितने लोगों से जुड़ने लगी।हिन्दी भाषा की सेवा तो बहुत लोग करते हैं, पर हिंदी को उसका स्वाभिमान और विश्व-स्तर पर सर्वोच्च स्थान दिलाने की जो मुहिम अंतरा शब्दशक्ति ने शुरू की है,मैं भी उसका हिस्सा बनी हूँ, ये सोचकर ही खुद को गौरवान्वित महसूस करती हूँ। बहुत बहुत धन्यवाद अंतरा कि आपने मुझे अपने परिवार का सदस्य बनाया और दुनिया के समक्ष सम्मान दिया। मेरे जैसे कितने ही उभरते रचनाकारों को एक सशक्त मंच देकर अंतरा शब्दशक्ति ने हम सबको उड़ान भरने का हौसला दे दिया है। अंतरा….तहेदिल से आपका आभार…।
अर्चना अनुप्रिया।