“अंतरा शब्दशक्ति औऱ मेरा अनुभव”
“अंतरा शब्दशक्ति मेरे लिये साहित्य जगत में एक सूर्य की भांति मेरे व्यक्तित्व को उजास की किरणें प्रदान करती हुई सिद्ध हुईं । अंतरा शब्दशक्ति से जुड़ने के पश्चात,मेरी लेखनी को एक नई पहचान व सम्मान मिला।मुझमें उत्कृष्ट व उम्दा लेखन का उष्मीय संचार उतपन्न हुआ। मैं अत्यंत गदगद ह्रदय सहित आभारी हूँ,अंतरा शब्दशक्ति की ,जिससे जुड़ने पर मुझे अनेक वरिष्ठ,व स्वनामधन्य ,आदरणीया प्रीति जी,श्री समकित जी,अर्पण जी, पिंकी परुधि जी,व अन्य की चन्दन सी संगत मिली ,जिससें मेरा साहित्यिक जीवन निखर उठा।साहित्य की कुछ बारीकियां व नवाचार भी प्राप्त हुआ।मेरी लेखनी पैनेपन की ओर उन्मुख हो चली है।कृतज्ञता ज्ञापन अंतरा शब्दशक्ति परिवार को भी,जंहा नित नवीन ज्ञान ,व सम्मान हमारे लेखन को औऱ सम्रद्ध बना रहे हैं।मेरी अनवरत साहित्यिक यात्रा में सहयोगी मेरी प्रिय अंतरा शब्दशक्ति के सानिध्य में मैं जीवन भर साहित्य साधना में लीन रहकर,साहित्य सेवा में अपना योगदान देना चाहती हूं मुझे शब्दशक्ति का वरदहस्त प्राप्त होता रहे,अस्तु,पुनः अंतरा शब्दशक्ति को नमन,आत्मीय आभार व अंतरा परिवार को अनन्त साधुवाद व शुभकामनाएं।।।।।
नवनीता दुबे”नूपुर”
मण्डला (मप्र)