अंतरा शब्द शक्ति और हमारा अनुभव
दो वर्षो पूर्व मैं अंतराशब्द शक्ति से एक वाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से जुड़ी। यहाँ आकर मेरी पहचान प्रीति सुराना जी से हुई जिसके द्वारा मुझे हिन्दी भाषा के विकास मे उनके प्रयासों की सक्रीयता की जानकारी मिली। मैनें गर्व महसूस किया साथ ही अपने आप को भाग्यशाली भी समझा कि मैं एक ऐसे अच्छे ग्रुप से जुड़ी हुई हूँ जहाँ मेरे द्वारा की जा रही साहित्यिक सेवा को भी महत्व दिया जा रहा है। यहाँ आकर अच्छे अच्छे उन साहित्यकारों से पहचान हुई जो गद्य और पद्य दोनो मे लिख रहे थे। मुझे उनसे काफी कुछ सीखने और समझने का भी मौका मिला, सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह कि यहाँ किसी एक कवि या लेखक को सप्ताह का कवि बनाया जाता हैं जैसा कि मैने किसी अन्य ग्रुप में नही देखा। रविवार का दिन सप्ताह के कवि के रुप मे ग्रुप के किसी एक कवि को समर्पित रहता है जिस दिन ग्रुप के सभी कवि कवियित्रियाँ उस कवि की ही रचनाओं को पढ़ते हैं और उस पर समालोचना प्रस्तुत करते हैं और बाद मे उस कवि की अनुमति से सृजन समीक्षा जैसी पुस्तक का प्रकाशन भी किया जाता हैं जो कि नये कवि लेखकों को उत्साहित करने हेतु एक सफल प्रयास हैं इसके अतिरिक्त यहाँ सप्ताह भर की निर्धारित रुपरेखा के अनुसार गद्य और पद्य पर लिखने के लिये एक विषय संबधी पोस्ट सुबह ही डाल दी जाती है जिस पर सभी अपनी लेखनी चलाते हैं। उत्कृष्ट लेखन के उत्साह हेतु उत्कृष्ट रचनाओं का लोकजंग समाचार पत्र मे रोज प्रकाशन भी किया जाता हैं। यहाँ कवि और लेखको को अपनी पुस्तक के प्रकाशन की भी सुविधा दी गयी हैं। अंतराशब्द शक्ति के द्वारा साहित्यकारों को उत्साहित करने हेतु की समय समय पर साहित्यिक आयोजनो द्वारा सम्मान देकर सम्मानित भी किया जाता।
यहाँ कवि और कवियित्रियों की रचनाओं का वेब पत्रिका मे भी प्रकाशन की सुविधा है। अंतराशब्द शक्ति वाट्सऐप पर ही नही बल्कि फेसबुक पर भी काफी सक्रिय है। मैं आशा करती हूँ कि भविष्य में भी अंतराशब्द शक्ति अपने इन्ही प्रयासों की तरफ अग्रसर रहते हुये अपने नित नये नये प्रयासों से साहित्य जगत मे एक महत्वपूर्ण स्थान कायम करते हुऐ हिन्दी भाषा के विकास मे अहम भूमिका निभाएगा।
रचना सक्सेना
इलाहाबाद