अन्तरा शब्दशक्ति और मेरा अनुभव
अंतरा शब्द शक्ति सृजन की एक ऐसी पाठशाला है जिसका उद्देश्य साहित्य के माध्यम से समाज में विचारों की क्रांति लाना, जनजाग्रति लाना, एवं अपने भावों को सत्य के धरातल पर लाना रहा है। सोशल मिडिया और वाट्सअप ग्रुप में लेखनी के माध्यम से साहित्यकारों को जोड़ने का कार्य हो या मातृभाषा की अस्मिता को बचाने प्रचार प्रसार की बात हो अंतरा शब्द शक्ति ने एक नई मिसाल कायम की है। “हस्ताक्षर बदलो अभियान” चलाकर अंतरा ने सीधे सीधे हिन्दी को हमारे दिल से जोड़ने का प्रयास किया।
अंतरा शब्द शक्ति ने निश्चित ही साहित्यिकारों की साहित्यिक गतिविधियों को बल दिया, हौसला दिया। और मुझे तो गलतियों से सीखने का मौका दिया जिससे मेरी लेखनी की धार दिन प्रतिदिन पैनी होती चली गई। अनेकों सम्मान समारोह आयोजित कराये जो एक रचनाकार की लेखनी में निखार तो लाते ही है साथ ही साथ उसके उत्साह और विश्वास दोनों को बढ़ाते हैं। नवरचनारों को मंच प्रदान करने लगातार प्रयत्नशील अंतरा ने विभिन्न साहित्यिक प्रतियोगिताओं के माध्यम से हर एक रचनाकार की कलम को हिम्मत दी है एवं सामाजिक दायित्वों का निर्वहन कर समस्त कसौटियों को पूरा करते हुए साहित्य के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज की है।
अंतरा शब्द शक्ति से जुड़ना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मेरी महत्वाकांक्षी लेखनी को अंतरा शब्द शक्ति ने अपने प्रकाशन से एक नई दिशा दी है। मेरा एकमात्र कविता संग्रह सांसों की रागिनी प्रकाशित हुआ था किंतु अंतरा से जुड़कर मेरा साझा संग्रह गुंजन (गज़ल संग्रह), मकरंद (दोहा मुक्तक संग्रह), एवं उसके अलावा मेरे एकल संग्रह मेरे आलेख (आलेख संग्रह), एवं प्रकाशाधीन मेरा आकाश (गज़ल संग्रह) अंतरा शब्द शक्ति की देन है। जिसके लिए मैं अंतरा परिवार आजीवन ऋणी रहूँगी।
आदरणीय समकित सुराना जी एवं प्रीति सुराना जी का समर्पण और अंतरा के सभी दक्ष प्रबंधकों साहित्यिकार साथियों के रात दिन के अथक परिश्रम का ही परिणाम है कि अंतरा शब्द शक्ति ने विशुद्ध साहित्य के क्षेत्र में विश्व पटल पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है ।
अलका चौधरी