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इक्कीस दिन तक तप करना है
प्रतिफल स्वस्थ बस देश चाहिए,
कर बद्ध निवेदन सभी से एकता का
जन जन से अब संदेश चाहिए।
कोई न निकले बाहर तब ही
होगा सफल अभियान हमारा,
भारतीयता की पहचान यही है
एक होना हमारा परिवेश चाहिए।
जिस तरह लड़े थे आजादी पाने को
आज से फिर से लड़ाई लड़ना है,
जब तक दुश्मन निष्क्रिय न हो
पृथक हमें जन जन से रहना है।
तब थी तपस्या सिर कफन बांध
साथ थे जंगे-आजादी मिले देश की,
रहकर दूर कठिन तप करना है
संस्कृति है यही कहती है तपोभूमि।
आओ इस भूमि की लाज रखें फिर
मिल लड़ें कोरोना से घर में रहकर,
करें स्वस्थ नव संवत्सर का स्वागत
माता रानी से प्रार्थना कर बद्ध होकर।
किरण मोर कटनी म.प्र.
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