Page Visitors Count: 1243
प्रकृति हम इंसानों से बेहद नाराज हो गई है,
देखो, इसलिए वो अपना असर दिखा रही है,
आज बादल भी खूब जोर-जोर से गरज रहे है,
देखो, आसमान में कैसी बिजली चमक रही है,
कोरोना बनकर पृथ्वी पर आई भीषण महामारी जो है,
हम सबके अंदर बहुत ही दहशत फैला रही है,
प्रकृति परिवार के सभी सदस्य अभी एक हो गए है,
देखो, धूप न निकले, सावन के जैसे पृथ्वी माहौल बना रही है,
इसलिए संभल जाओ अब भी मेरे बुद्धिजीवी प्यारे साथियों,
कुदरत भी हम सबसे एक पक्का वचन मांग रही है,
नहीं नुकसान पहुँचायेंगे हम अब माँ पृथ्वी को ‘रमा’
ऐसी तपस्या हम मानव से पूरी तरह करवाना चाह रही है।
रमा “प्रेम-शांति”
बालाघाट
Total Page Visits: 1243 - Today Page Visits: 1