आज देश, दुनिया के लोगो पर संकट।
ऐसी विपदा में चौबीसों घंटे, चौकस ,गली ,
सड़कों ,हर नुक्कड पर, तैनात वो कर रहे है ड्यूटी ।
भूल कर अपना सुख चैन ,
नींद ,भूख और प्यास ।
पूरी सतर्कता ,ईमानदारी से।
निभा रहे भारत माँ के वीर
अपना फर्ज।
अस्पतालों में डाक्टर और नर्स ।
अपनी जान की परवाह किए बिना।
जैसे ईश्वर के प्रतिनिधि हो ,
आज मौत से जूझते कितने लोगो के भगवान बन वो ,
निष्ठा से कर्त्तव्य निभाते, बिना भेदभाव इलाज कर रहे ।
मानवता की सेवा मे जो तत्पर है आज।
संकट की घड़ी में जो तन मन धन से सहयोगी ,
यही तो ईश्वर की सच्ची सेवा है ।
इसे ही तो तपस्या कहते है ।
जहाँ वेदनाओं पर संवेदना जागृत हो ,
वही मन तो मंदिर सा पावन है।
दुखियों को इस महामारी के दौर मे ,
जो सहायक है उन्ही की मानवता तो सार्थक हो रही है ।
देश के यैसे वीर ,ईश्वर के अवतार से तुम।
हमें गर्व है कर्तव्यों के प्रति आपकी निष्ठा पर ।
हमें गर्व है आपकी सजगता पर ।
आपके समर्पण ,सहयोग पर ।
–श्रीमती प्रेमलता शर्मा ‘आयुमी
खिरिया,नरसिंहपुर मप्र