राधा गोयल- सृजक सृजन समीक्षा

आज *सृजक- सृजन विशेषांक* में मिलिये दिल्ली की साहित्यकार राधा गोयल जी से। हमें आप सभी की समीक्षा की प्रतीक्षा रहेगी, अपनी प्रतिक्रिया कॉपी करके फेसबुक और वेबसाइट के लिंक पर भी जरुर डालें।सभी मित्रों से निवेदन है कि आज पटल पर इन रचनाओं की समीक्षा के अतिरिक्त कोई भी क्रिया-प्रतिक्रिया या पोस्ट न डालें।…

ये जग केवल माया है

बड़े- बड़े ज्ञानी कहते हैं, ये जग केवल माया है, लेकिन ये जग संतों को ही सबसे ज्यादा भाया है। मोह- माया का त्याग करो,देते हैं ये उपदेश सदा, किन्तु मोह -माया के बंधन, उनको बाँधे रहे सदा। एक स्त्री से सीखो जो अपनों की खातिर जीती है, आँक सका न मोल कोई, वो कितनी…