सबकी विपदा दूर करो
मांत तुम्हारे चरणों में नित आकर शीश झुकाऊं , सबकी विपदा दूर करो इतनी अरज लगाऊं मां । कितनी कठिन तपस्या है यह कैसे तुम्हें बताऊं ? ममता की बलिवेदी पर मैं लाखों पुष्प चढ़ाऊं मां । लाखों दिये जलाऊं मठ में इतना ही कह पाऊं , पूरनमासी के भी दिन मैं दीपावली मनाऊं मां…