जग नियंता हैं श्री हरि

तप के ही बल पर, जग नियंता हैं श्री हरि, तप के ही बल पर, शिव शम्भू अविनाशी हैं, तप के ही तेज से बने थे हम विश्वगुरू, तेज पुंज वाले, हम देश के निवासी हैं, तप से प्रसन्न होकर, देते थे देव वर, किन्तु तप से हमारे सुर, दुष्ट घबराते हैं, तप से ही…