जय अम्बे माँ
हे जगत् जननी, हे अम्बे दयालु, अपनी ममता का आँचल, पसारे ही रखना।। वो माँग का टीका, और माथे की बिंदिया, मेरे माँग का सिंदूर, सजाये ही रखना।। अपनी ममता का आँचल, पसारे ही रखना। वो नाक की नथनी, और कान के झाले, मेरे गले का हरवा चमकाये ही रखना।। अपनी ममता—— वो बाजू बंद,…